उनकी रचनाएँ न केवल साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध हैं, बल्कि सामाजिक चेतना जगाने वाली भी हैं। गोदान, गबन, सेवा सदन, रंगभूमि, कर्मभूमि जैसे उपन्यास तथा कफ़न, पूस की रात, दो बैलों की कथा जैसी कहानियाँ आज भी पाठकों के हृदय को गहराई से स्पर्श करती हैं।
अर्चना त्यागी एक ऐसी लेखिका और स्वर कलाकार हैं, जो कलम से कहानियाँ रचती हैं और आवाज़ से उन्हें जी उठा देती हैं। शब्द उनके हाथ में आते ही शरारती बच्चों जैसे कागज़ पर दौड़ पड़ते हैं, और उनकी आवाज़ सुनते ही श्रोता सोचते हैं—कहानी खत्म न हो बस!
मधु शर्मा एक कु शल स्वर कलाकार हैं, जो अपनी प्रभावशाली वाणी और अभिव्यक्ति से शब्दों को जीवंत रूप प्रदान करती हैं। उनकी वाणी श्रोताओं के मन को सहज ही स्पर्श करती है।