top of page
Google_AI_Studio_2025-08-29T18_56_55.006Z.png

हम कौन हैं?

हिंदी भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु समर्पित एक स्वैच्छिक परिवार।

१५ वर्ष की यात्रा, लाखों सहभागी, सतत साहित्य-सेवा।

हमारी यात्रा

हिंदी लेखक परिवार एक स्वैच्छिक साहित्यिक संस्था है जिसकी शुरुआत लगभग १५ वर्ष पूर्व एक वेबसाइट के रूप में हुई। इसके बाद हमारे फेसबुक समूह की स्थापना लगभग १० वर्ष पूर्व की गई, जो आज लगभग ३ लाख साहित्य-प्रेमियों का समुदाय है। बीते वर्षों में हमने YouTube मंच का शुभारम्भ किया (लगभग दो वर्ष पूर्व) जो फेसबुक समुदाय का अभिन्न विस्तार है; वर्तमान में इस चैनल पर लगभग १,२०० सदस्य हैं। हमारी आधिकारिक वेबसाइट hindilekhak.com तथा अन्य सोशल माध्यम (जैसे Instagram इत्यादि) इसी संस्था के अंतर्गत संचालित और समन्वित हैं।

  • वेबसाइट उद्घाटन — १५ वर्ष पूर्व

  • फेसबुक समूह स्थापना — लगभग १० वर्ष पूर्व; सदस्य ~3,00,000

  • YouTube मंच शुरुआत — 2 वर्ष पूर्व; सदस्य ~1,200

ध्येय
  • हिंदी साहित्य की गरिमा और शुद्धता का संरक्षण।

  • उदीयमान और वरिष्ठ रचनाकारों के लिए समान मंच उपलब्ध कराना।

  • पाठ, श्रवण और दृश्य—तीनों माध्यमों से कृतियों का संवहन।​​

दृष्टि
  • हिंदी को वैश्विक स्तर पर समकालीन अभिव्यक्ति का समर्थ माध्यम बनाना।

  • तकनीक-सक्षम प्लेटफ़ॉर्म के द्वारा सुगम पहुँच और अर्थपूर्ण संवाद सुनिश्चित करना।

हम क्या करते हैं
  • कृतियों का प्रकाशन/प्रसारण - कविता, कथा, निबंध, संस्मरण इत्यादि।

  • वाचन/स्वर‑प्रस्तुति: चयनित कृतियों का YouTube आदि पर श्रव्य/दृश्य रूपान्तरण।

  • आलोचनात्मक विमर्श: स्वस्थ और शालीन संवाद की संस्कृति।

  • ई‑पत्रिका ‘अनुभव पत्रिका’ - डिजिटल प्रकाशन।

  • समुदाय‑निर्माण: ऑनलाइन/ऑफ़लाइन साहित्यिक उपक्रम एवं सहभागिता।

प्रकाशन एवं आर्थिक व्यवस्था
  • हमारा उद्देश्य केवल साहित्य‑सेवा है; वर्तमान में संपूर्ण व्यवस्था निःशुल्क एवं स्वैच्छिक है।

  • किसी भी कृति के प्रकाशन, पाठ (वाचन) या श्रवण के लिए कोई मानदेय/शुल्क न लिया जाता है, न दिया जाता है।

  • वेबसाइट, चैनल तथा अन्य तकनीकी व्यवस्थाओं का व्यय स्वयंसेवी सहयोग से वहन किया जाता है

लेखकों और स्वर‑कलाकारों के लिए लाभ
  • वर्तमान में प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ उपलब्ध नहीं है; तथापि आपकी कृतियाँ और स्वर‑प्रस्तुतियाँ एक व्यापक हिंदी‑रसिक समुदाय तक पहुँचती हैं— जिससे आपका परिचय, प्रतिष्ठा और पाठक‑श्रोता‑वर्ग विस्तार पाता है।

  • भविष्य में यदि मंच से कोई आय उत्पन्न होती है, तो लेखक तथा स्वर‑कलाकार—समुचित नीति के अनुसार—उचित भागीदारी के पात्र होंगे।

हिंदी लेखक परिवार’ की वेबसाइट, पत्रिका तथा YouTube मंच पर रचना प्रकाशन अथवा प्रसारण हेतु रचना भेजने से पूर्व कृपया नियम एवं शर्तें ध्यानपूर्वक पढ़ लें।

भाषा हमारे संस्कार, संवेदना और संस्कृति की झलक होती है।

bottom of page