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नियम एवं दिशानिर्देश

हिंदी लेखक परिवार एक स्वैच्छिक साहित्यिक संस्था है जिसकी शुरुआत लगभग १५ वर्ष पूर्व एक वेबसाइट के रूप में हुई। इसके बाद हमारे फेसबुक समूह की स्थापना लगभग १० वर्ष पूर्व की गई, जो आज लगभग ३ लाख साहित्य-प्रेमियों का समुदाय है। बीते वर्षों में हमने YouTube मंच का शुभारम्भ किया (लगभग दो वर्ष पूर्व) जो फेसबुक समुदाय का अभिन्न विस्तार है; वर्तमान में इस चैनल पर लगभग १,२०० सदस्य हैं। हमारी आधिकारिक वेबसाइट hindilekhak.com तथा अन्य सोशल माध्यम (जैसे Instagram इत्यादि) इसी संस्था के अंतर्गत संचालित और समन्वित हैं।

संस्था धीरे -धीरे बड़ी होती जा रही है, ऐसे में इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए कुछ नियमों को हमलोगों को अपनाना ही चाहिए। 

1. रचना प्रकाशन से संबंधित नियम

  • कोई भी इच्छुक व्यक्ति अपनी मौलिक रचना (कविता, कहानी, निबंध, लेख, संस्मरण, आलोचना, यात्रा-वृत्तांत या लघु रचना) वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन फ़ॉर्म के माध्यम से भेज सकता है।

  • किसी अन्य स्रोत से कॉपी या अनुवाद की गई सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी।

  • सभी रचनाएँ संपादकीय समीक्षा के अधीन होंगी।

  • चयनित रचनाएँ प्रकाशित की जाएँगी; सभी रचनाओं का प्रकाशन संभव नहीं है।

  • लेखक का नाम हमेशा प्रकाशित रचना के साथ जोड़ा जाएगा।

  • प्रकाशित रचना का कॉपीराइट लेखक के पास पूर्णतया सुरक्षित रहेगा।

  • आवश्यक होने पर संपादक केवल साधारण संपादन (वर्तनी, विराम-चिह्न, स्वरूप) कर सकते हैं।

  • रचना चयन या प्रकाशन की सूचना लेखक को ईमेल/संपर्क के माध्यम से दी जाएगी।

  • ​अनुभव पत्रिका/YouTube मंच के लिए भेजी गई रचना मंच/पत्रिका के प्रकाशन के बाद ही वेबसाईट पर प्रकाशित की जायेगी।

 

2. अनुभव पत्रिका हेतु विशेष नियम

 

  • पत्रिका में प्रकाशन हेतु रचना केवल निर्धारित विषय और निर्धारित तिथि तक प्राप्त होने पर ही स्वीकार की जाएगी।

  • पत्रिका की प्रकाशन तिथि से १ सप्ताह पूर्व यदि लेखक रचना हटवाने का अनुरोध करता है, तो संबंधित अंक में उसका प्रकाशन रोक दिया जाएगा।

 

3 . YouTube मंच हेतु विशेष नियम

  • YouTube मंच पर कौन-सी रचना प्रकाशित होगी, यह निर्णय मंच की टीम करेगी।

  • यह भी मंच द्वारा तय किया जाएगा कि किसी रचना का वाचन किस स्वर कलाकार द्वारा किया जाएगा।

  • लेखक या स्वर कलाकार यदि अपनी रचना/वाचन हटवाना चाहें, तो:

  • यदि आग्रह कर्ता लेखक हैं → रचना १ माह के भीतर हटाई जाएगी।

  • यदि आग्रह कर्ता स्वर कलाकार हैं → रचना ३ माह के भीतर हटाई जाएगी।

  •  

4. वेबसाइट पर रचना हटवाने की नीति

 

  • यदि लेखक आग्रह करता है → रचना १ सप्ताह के भीतर हटाई जाएगी।

  • यदि स्वर कलाकार आग्रह करता है → रचना ३ माह के भीतर हटाई जाएगी।

5. स्वर कलाकार बनने की प्रक्रिया

 

  • इच्छुक व्यक्ति अपनी आवाज़ में किसी रचना का वाचन (वॉयस सैंपल) रिकॉर्ड करके वेबसाइट पर दिए गए फ़ॉर्म के माध्यम से भेज सकते हैं।

  • यदि आवाज़ उपयुक्त पाई गई तो संस्था द्वारा संपर्क किया जाएगा।

 

6. प्रकाशन एवं आर्थिक व्यवस्था

 

  • संस्था का उद्देश्य केवल हिन्दी साहित्य का प्रचार-प्रसार है।

  • किसी भी रचना के प्रकाशन, पाठ (वाचन) या श्रवण हेतु कोई मानदेय नहीं लिया या दिया जाता।

  • वेबसाइट, चैनल और अन्य तकनीकी व्यवस्थाओं का खर्च संस्था द्वारा स्वैच्छिक रूप से वहन किया जाता है।

  • पत्रिका/वेबसाईट की डिज़ाइन व तकनीकी व्यवस्था हेतु आप ₹20–₹500 की स्वैच्छिक सहयोग राशि दे सकते हैं।

  • सहयोग राशि अनिवार्य नहीं है, किन्तु इससे पत्रिका/वेबसाईट की गुणवत्ता और सतत प्रकाशन बनाए रखने में सहायता होगी।

 

7. लेखकों एवं कलाकारों को लाभ

 

  • वर्तमान में संस्था से कोई आर्थिक लाभ प्रदान नहीं किया जाता।

  • भविष्य में यदि YouTube चैनल से कोई आय होती है, तो उसमें से लेखक और स्वर कलाकार को उचित भागीदारी दी जाएगी।

  • अभी के लिए लाभ यह है कि आपकी रचना या आवाज़ एक बड़े हिन्दीप्रेमी श्रोता समूह तक पहुँचती है, जिससे आपकी साहित्यिक पहचान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।

 

8. सामग्री की मर्यादा

 

  • रचनाओं में हिंसा, बलात्कार, अश्लीलता या गैर-सहमति से जुड़े प्रसंग प्रस्तुत न किए जाएँ।

  • अभद्र या आपत्तिजनक भाषा, अशोभनीय शब्द या अश्लील संदर्भ स्वीकार नहीं किए जाएँगे।

  • एरोटिक, उत्तेजक या 18+ विषयवस्तु को मंच पर स्थान नहीं दिया जाएगा।

  • रोमांटिक प्रसंग केवल साहित्यिक गरिमा और संवेदनशीलता बनाए रखते हुए लिखे जा सकते हैं।

9. संपादकीय अधिकार
  • संस्था को किसी भी रचना को बिना कारण बताए अस्वीकृत करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा।

  • अंतिम निर्णय संपादकीय समिति का होगा, जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार नहीं होगी।

10. उत्तरदायित्व (Disclaimer)
  • रचना में प्रस्तुत विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचार होंगे।

  • संस्था/पत्रिका/मंच लेखक के विचारों या मतों के लिए उत्तरदायी नहीं होगी।

11. भाषा और लिपि
  • रचनाएँ केवल देवनागरी लिपि में स्वीकार होंगी।

  • भाषा शुद्ध हिन्दी हो; अनावश्यक अंग्रेज़ी/विदेशी शब्दों का प्रयोग न करें।

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